कक्षा 6 की सरकारी किताब में लिखा भी गया है। की आर्य विदेशी है और भारत मे घुसपैठिये है। मुगल चले गये, अंग्रेज चले गए लेकिन सबसे पहले आर्यो ने भारत मे घुसपैठ की परन्तु वो नही गये।
इस पुस्तक के पन्ने में लिखा है कि आर्य भ्रमण के लिए घोड़ो का प्रयोग करते थे। आज जिन दलितों को घोड़ी पर बैठने का विरोध होता है। ये विरोध उन आर्यो व उन घोड़ो से मेल खाता है।।
आर्य अभी तक गये नही भारत से आर्यो की पहचान ये है।
संविधान का विरोधी आर्य है।
आरक्षण का विरोधी आर्य है।
लोकतंत्र का विरोधी आर्य है।
SC/ST/OBC/MIN के अधिकारों का विरोधी आर्य है।
और ये आर्य कोई और नहिं हिन्दू धर्म के ठेकेदार ही हैं।
कुछ लोग तर्क करने के बजाय गाली गलौज करेंगे।
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जय भीम जय भारत नमोः बुद्धाय
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