सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बोधि वृक्ष पेड़ जिस की सुरक्षा में 24 घंटे पुलिस तैनात रहती है

 भारत में कौन सा पेड़ है जिसकी सुरक्षा में 24 घंटे पुलिस तैनात रहती है जानें GK In Hindi


आपने किसी व्यक्ति विशेष की सुरक्षा के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या कोई पेड़ इतना VVIP हो सकता है जिसकी सुरक्षा में 24 घंटे गार्ड्स तैनात रहते हों, एक पत्ता भी टूट जाता है तो सुरक्षा में लगा प्रशासन चिंतित हो जाता है। आपने किसी व्यक्ति विशेष की सुरक्षा के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या कोई पेड़ इतना VVIP हो सकता है जिसकी सुरक्षा में 24 घंटे गार्ड्स तैनात रहते हों, एक पत्ता भी टूट जाता है तो सुरक्षा में लगा प्रशासन चिंतित हो जाता है। तमाम तरह की सुरक्षा लिए यह अतिविशिष्ट पेड़ मध्यप्रदेश की राजधानी के पास स्थित सांची में है।: पेड़ की देखरेख पर हर साल खर्च होते हैं 12 से 15 लाख

नहीं, कोई नहीं हम आपको बताते हैं। ये पेड़ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और विदिशा के बीच सलामतपुर की पहाड़ी पर लगा है और मध्य प्रदेश की सरकार इस पेड़ की देखरेख पर हर साल 12 से 15 लाख रुपए खर्च करती है।


यहां तक इस पेड़ की सुरक्षा के लिए हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे चार पुलिस वाले तैनात रहते है। सौ एकड़ की पहाड़ी पर लोहे की लगभग 15 फीट ऊंची जाली के अंदर लहलहाता हुआ नजर आता है ये वीवीआईपी बोधि पेड़।जिला कलेक्टर की निगरानी में होता है सब

इतना ही नहीं इस पेड़ की सिचाई के लिए सांची नगरपालिका ने अलग से पानी के टैंकर का इंतजाम किया जाता है। साथ ही पेड़ को बीमारी से बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी हर हफ्ते वहां का दौरा करते हैं और यह सब जिला कलेक्टर की निगरानी में होता है। ये तो कुछ भी नहीं है अगर इस पेड़ का एक भी पत्ता सुख जाता है तो पूरा प्रशासन चौकन्ना हो जाता है। पेड़ तक पहुंचने के लिए भोपाल-विदिशा हाईवे से पहाड़ी तक पक्की सड़क भी बनाई गई है GK In Hindi।


भागवान बुद्ध की आखिरी निशानी है ये वीवीआईपी पेड़

General Knowledge दरअसल, इस पेड़ को इतना महत्व देने के पीछे मान्यता यहा है कि इस पेड़ को बोधिवृक्ष कहा जाता है और इसे श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे ने लगाया था। यह वही बोधि वृक्ष की टहनी है जिसके नीचे गौतम बुद्ध को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। अब आप समझे इस पेड़ के वीवीआईपी होने के पीछे क्या राज है। ये गौतम बुद्ध के होने की निशानी है। इसलिए ही इसको इतना महत्व दिया जाता है और इसकी सुरक्षा से लेकर बंदोबस्त तक पर पूरा ध्यान दिया जाता है।


नमो बुद्धाय

बी.एल. बौद्ध                                                    

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हमारा देश खतरे में क्यों है जानिए

 समय निकालकर पूरा जरुर पढेI 1 :- जब दो वोट के अधिकार के लिए बाबा साहब लंदन में अंग्रेजों से लड़ रहे थे। तो उस समय मो० अली जिन्ना और सर आगार खां नाम के दो मुसलमान भाइयो ने बाबा साहब का साथ दिया था। . 2 :- जब ज्योतिबा फुले हमारे लिए पहली बार स्कूल खोल रहे थे तब उस समय उस्मान शेख नाम के मुसलमान भाई ज्योतिबा फुले को  जमीन दिया था। . 3 :- माता सावित्री बाई फुले को उस्मान शेख की बहन फातिमा शेख ने सावित्री बाई फुले का साथ दिया और पहली शिक्षिका भी हुई। . 4 :- जब बाबा साहब हमें पानी दिलाने के लिए सत्यग्रह कर रहे थे तो उस सत्यग्रह को करने के लिए जमीन मुसलमान भाइयों ने दिया था। . 5 :- बाबा साहब को संविधान लिखने के लिए संविधान सभा में नहीं जाने दिया जा रहा था, तब बंगाल के 48% मुसलमान भाइयों ने ही बाबा साहब को चुनकर संविधान में भेजा था। खुद हमारे अपने लोगो ने वोट नही दिया था बाबा साहब को। . 6) मुसलमान टीपू सुल्तान ने हमारी बहन बेटी को तन ढकने का अधिकार दिया था अन्यथा हिन्दू ब्राह्मण के  कारण हमारी बहन बेटी को स्तन खुलें रखने के लिए मजबूर किया गया था 😢 . हमारा दुश्मन मुसलमान नही है। हम...
 क्रांतिकारी जय भीम  सिंधु घाटी की सभ्यता से यह  बात साबित होती है कि  सिंधु घाटी की सभ्यता पुरुष प्रधान सत्ता नहीं थी    सिंधु घाटी की सभ्यता स्त्री प्रधान सत्ता थी स्त्री ही घर की प्रमुख हुआ करती थी मुझे यह बताने की जरूरत नहीं  स्त्री प्रधान  सत्ता के कारण सिंधु घाटी की सभ्यता एक उन्नत सभ्यता थी  आर्यों के भारत पर कब्जा करने  के साथ ही   भारत का परिदृश्य बदल गया  भारत  अचानक पुरुष प्रधान देश बन गया स्त्री दमन सोशण का पर्याय बन गई   जो स्त्री कल तक घर की  प्रधान हुआ करती थी उसकी तक़दीर में पति के साथ सती होना लिख दिया गया  कल तक जिस स्त्री के फैसले परिवार के लिए  मान्य होते थे  उसे स्त्री के तकदीर में देवदासी होना लिख दिया गया बिना उसकी  मर्जी के लोग उसका फैसला करने लगे  सिंधु घाटी की उन्नत सभ्यता यह बताने के लिए काफी है कि स्त्रियों का   बौद्धिक स्तर  कितना ऊंचा और कितना बेहतर रहा होगा   स्त्रियों को दिमाग से विकलांग बनाने के लिए और उनका बौद्धिक स्तर नीचे ग...

सम्मान के लिए बौद्ध धर्म परिवर्तन करें --

 सम्मान के लिए धर्म परिवर्तन करें ----- "डा.बी.आर.अम्बेडकर" सांसारिक उन्नति के लिए धर्म परिवर्तन चाहिए मैंने निश्चय कर लिया है कि मैं धर्म परिवर्तन अवश्य करूंगा, सांसारिक लाभ के लिए धर्म परिवर्तन नहीं करूंगा आध्यात्मिक भावना के अलावा और कोई मेरा ध्येय नहीं है,हिन्दू धर्म के सिद्धांत मुझे अच्छे नहीं लगते ये बुद्धि पर आधारित नहीं हैं,मेरे स्वाभिमान के विरुद्ध हैं आपके लिए आध्यात्मिक और सांसारिक दोनों दृष्टिकोण से धर्म परिवर्तन बहुत जरूरी है, कुछ लोग सांसारिक लाभ के लिए धर्म परिवर्तन करने की कल्पना का उपहास करते हैं,मरने के बाद आत्मा का क्या होगा इसे कौन जानता है ? वर्तमान जीवन में जो सम्मानपूर्वक जीवन नहीं बिता सकता उसका जीवन निरर्थक है आत्मा की बातें करने वाले ढ़ोंगी हैं,धूर्त हैं, हिन्दू धर्म में रहने के कारण जिनका सब कुछ बर्बाद हो चुका हो ,जो अन्न और वस्त्र के लिए मोहताज बन गए हों,जिनकी मानवता नष्ट हो चुकी है ऐसे लोग सांसारिक लाभ के लिए विचार न करें तो क्या वे आकाश की ओर टकटकी लगाए देखते रहेंगे या अगले जन्म में सुखी होने का स्वप्न देखते रहेंगे,पैदाइशी अमीरीपन और मुफ्तखोरीपन ...