“अशोक विजयदशमी”
ये दिन केवल भारत ही नहीं तो दुनिया के सारे देशों के इतिहास में बहुत ही महत्वपूर्ण है. अगर सम्राट अशोक ने बौद्ध ध्म्म की दीक्षा नहीं ली होती तो शायद आज दुनिया में बौद्ध धम्म नहीं दिखाई पडता। और उससे भी आगे दुनिया में “समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय” का अस्तित्व नहीं दिखाई देता।
“अशोक विजयदशमी” महान सम्राट अशोक के कलिंग युद्ध में विजयी होने के दसवें दिन मनाये जाने के कारण इसे अशोक विजयदशमी कहते हैं। इसी दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी। विजय दशमी बौद्धों का पवित्र त्यौहार है। ऐतिहासिक सत्यता है कि महाराजा अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद हिंसा का मार्ग त्याग कर बुद्ध धम्म अपनाने की घोषणा कर दी थी।
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