31 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस?
जानें- इसका महत्व और इतिहास :--
31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई जाती है।
भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को चिह्नित करने के लिए 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को नेशनल यूनिटी दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष स्वतंत्रता सेनानी वल्लभभाई पटेल की 144 वीं जयंती है। सरदार वल्लभ भाई ने 565 रियासतों का विलय कर भारत को एक राष्ट्र बनाया था। यही कारण है कि वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
इसका महत्व...........
भारत जैसा देश, जो विविधताओं से भरा है, जहां धर्म, जाति, भाषा, सभ्यता और संस्कृतियां, एकता को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, राष्ट्र की एकता को स्थापित करने के लिए भारत सरकार ने 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस का प्रस्ताव रखा। चूंकि, सरदार पटेल भारत के एकीकरण के लिए जाने जाते हैं, इसलिए राष्ट्रीय एकता दिवस उनकी जयंती (31 अक्टूबर) को हर साल मनाया जाता है।✍️
🌷इसका इतिहास............
✍️सरदार वल्लभभाई पटेल की स्मृति में, भारत सरकार ने गुजरात में नर्मदा नदी के पास भारत के लौह पुरुष की एक विशाल मूर्ति का निर्माण किया है। साथ ही, स्वतंत्र भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल के संघर्षों और बलिदानों को याद रखते हुए भारत सरकार ने उनकी जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस की घोषणा की थी। इस दिन, लोग सरदार पटेल के महान कार्यों को याद करते हैं और राष्ट्रीय एकता दिवस मनाते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न कार्यक्रम, वेबिनार और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।
✍️आपको बता दें कि देश की आजादी के बाद पटेल पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री बने थे। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। सरदार पटेल जी का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था।
✍️साल 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरान्त 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।
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